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मुर्ति पिती है शराब

मूर्ति पीती है शराब

"हवा के बिना, खुशबू नहीं फैलती पर बिना हवा के अफवाहें, बहुत तेजी से फैलती है,,,आपने सोशल मीडिया पर एसी कई खबरें देखी और सुनी हगी,,,जिन में मूर्तियों को दूध पीते दिखाया जाता है तो किसी मूर्ति को खीर खाते दिखाया जाता है या फिर किसी मूर्ति को रोते हुए दिखाया जाता है, अब इन खबरों में कितनी सच्चाई होती है और कितना फरेब,,,यह तो प्रत्यक्षदर्शी, देखने वाला ही बता सकता है"!

कहते हैं, पत्थर में जान नहीं होती है और ना पत्थर को भूख-प्यास लगती है पर बाबा काल भैरव की एक, ऐसी मूर्ति है, जो प्रतिदिन सैकड़ो शराब के प्यालो को पी जाती है,,, एक अनुमान के अनुसार,,,काल भैरव की प्रतिमा पर प्रतिदिन दो हजार शराब की बोतल चढ़ाई जाती है,,, रविवार के दिन यह आंकड़ा, चार हजार बोतल के आसपास तक पहुंच जाता है,,,बोतल से थोड़ी सी शराब निकाल कर,,,काल भैरव को प्याले से पिलाई जाती है और बाकी की शराब भक्तों को दी जाती है और भक्त भी उस शराब को बाबा काल भैरव की प्रसाद समझकर, बड़ी श्रद्धा से ग्रहण करते है"!

मध्य प्रदेश में स्थित,,,उज्जैन,,,जो भारत का एक प्रमुख आध्यात्मिक शहर है, ,जिसका प्राचीन नाम अवंतिका पूरी है,,,उज्जैन को महाकाल की नगरी के नाम से भी जाना जाता है,,,,उज्जैन को भारत की  सात आध्यात्मिक,,,सप्तपुरी में गिना जाता है और प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक उज्जैन भी था,,,उज्जैन भारत की सांस्कृतिक धरोहर है और यहां हर 12 वर्ष में एक बार कुंभ का मेले का आयोजन किया जाता है,,,,

महाकाल मंदिर से 5 किलोमीटर दूर स्थित है,,,बाबा काल भैरव का मंदिर,,,जिन्हें महाकाल का सेनापति भी कहा जाता है,,,और कहा जाता है,,,अगर आपने उज्जैन आकर, काल भैरव के दर्शन नहीं किये तो आपको, इस तीर्थ का आधा पुण्य प्राप्त नहीं होता है,,,काल भैरव एक तांत्रिक मंदिर है, जहां बली का मांस, शराब, बाबा काल भैरव को अर्पित किया जाता है, वर्तमान स्थिति में बलि प्रथा पर तो रोक लगा दी गई है पर शराब का भोग बाबा काल भैरव को सुबह, 6:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक लगाया जाता है

भैरव शब्द का अर्थ होता है,,,भय का नाश करने वाला,,, माना जाता है,,,,जो भी श्रद्धालु, बाबा काल भैरव को शराब चढा़ता है, उसके सभी दोषो और कष्टो को बाबा काल भैरव हर लेते हैं,,यहां शराब चढ़ाने वाले की कभी, अकाल मृत्यु नहीं होती है ओर उसे कालसर्प-दोष, पितृ-दोष से भी मुक्ति मिलती है"!

बाबा काल भैरव की मूर्ति के मुख पर  शराब से भरा, चांदी का प्याला लगाया जाता है ओर पंडित, मंत्र पढ़ता है,,तब उस प्याले से शराब, अपने आप गायब होने लगती है और ऐसा लगता है,,,जैसे,,,काल भैरव स्वयं,,,शराब को पी रहे हैं,,,बाबा काल भैरव का ऐसा चमत्कार देखने के लिए, प्रतिदिन देश-विदेश से हजारों की तादाद में श्रद्धालु आते हैं और इस चमत्कार को देखकर, आश्चर्य में पड़ जाते हैं"!

वैज्ञानिकों की माने तो ऐसा हो पाना असंभव है पर विज्ञान को चुनौती देती, बाबा काल भैरव की यह प्रतिमा, विज्ञान के इस असंभव को संभव करके दिखा रही है,,, पुरातात्विक विभाग और वैज्ञानिक भी आज तक, इस रहस्य की पहेली को सुलझा नही पाएं है,,अमेरिका की नासा से लगाकर,,,भारत की कई वैज्ञानिक संस्थाएं, यहां पर शोध कर चुकी हैं पर आजतक यहां, ऐसा कोई प्रमाण  नहीं मिला, जो इस तथ्य को भ्रमित करने वाला, प्रमाणित कर सके,,,कहा जाता है,,,ब्रिटिश शासन काल में एक अंग्रेज अफसर ने काल भैरव को बहुत सारी शराब पिलाई और फिर मूर्ति हटाकर, नीचे खुदाई करवाई पर खुदाई के दौरान, उन्हें शराब की एक बुंद भी नहीं मिली,,इस चमत्कार को देखकर, उस अंग्रेज अफसर के दिल में काल भैरव के प्रति श्रद्धा उत्पन्न हुई और वह अफसर बाबा काल भैरव का भक्त बन गया

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1 Comments

Anjali korde

12-Jun-2024 09:26 AM

V nice

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